Vol. 2, Issue 5, Part C (2016)
मोहन राकेश कृत "आधे-अधूरे" नाटक में पारिवारिक विघटन
मोहन राकेश कृत "आधे-अधूरे" नाटक में पारिवारिक विघटन
Author(s)
डॉ. à¤à¤¸. पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿
Abstract
नाटककार मोहन राकेश ने 'आधे-अधूरे' नाटक में वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ को अतीत के माधà¥à¤¯à¤® से मà¥à¤–रित करने का मोह छोड़कर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ से सीधा साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° किया है। सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤— में आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विषमताओं ने कà¥à¤°à¤®à¤¶: पारिवारिक बिखराव मानसिक तनाव और नैतिक पतन को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दिया है। 'आधे-अधूरे' में à¤à¤• मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय परिवार की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को लेकर कथा-वसà¥à¤¤à¥ की सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की गयी है, पति-पतà¥à¤¨à¥€ के गृह कलह को आधार बनाकर नाटककार पतà¥à¤¨à¥€ की काम कà¥à¤£à¥à¤ ाओं तथा पति के आतà¥à¤® विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रहित à¤à¤• बेरोजगार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करते हà¥à¤ बताया है कि किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° ये कà¥à¤£à¥à¤ ाà¤à¤ पारिवारिक जीवन को कà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ असहनीय बना देती है। परिवार का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• सदसà¥à¤¯ परिवार से ऊब चà¥à¤•à¤¾ है और घर में रहते हà¥à¤ घà¥à¤Ÿà¤¨ का अनà¥à¤à¤µ करता है।
How to cite this article:
डॉ. à¤à¤¸. पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿. मोहन राकेश कृत "आधे-अधूरे" नाटक में पारिवारिक विघटन. Int J Appl Res 2016;2(5):151-153.