Vol. 3, Issue 1, Part E (2017)
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कला व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कला व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯
Author(s)
डाॅ. दीपक à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œ
Abstract
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• या समसामयिक शबà¥à¤¦ का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ रचना या नवनिरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना है, जो मानव की सहज पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ है। इस सहजता के कारण ही मानव ने रूप सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ को कला के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने का निरनà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया हैं। आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– ततà¥à¤µ सचेतनता है- मानव के इचà¥à¤›à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤‚गिता à¤à¤µà¤‚ तनाव से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ दà¥à¤§à¤¨à¥à¤¦à¥à¤§ का नवीन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¥€à¥‡à¤•à¤°à¤£ ही आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ हैं।
How to cite this article:
डाॅ. दीपक à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œ. आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कला व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯. Int J Appl Res 2017;3(1):365-367.