Vol. 3, Issue 12, Part G (2017)
बघेलखणà¥à¤¡ के सेंगरों का सामाजिक-धरà¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियाà¤
बघेलखणà¥à¤¡ के सेंगरों का सामाजिक-धरà¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियाà¤
Author(s)
डाॅ. सà¥à¤®à¤¨ तिवारी
Abstract
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤šà¥‡à¤¤à¤¨à¤¾ की समà¥à¤¯à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ का सामाजिक रूप है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ चेतना ही समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤ होकर समाज चेतना बन जाती है और लोक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ तथा लोककला को रूप देती है। बघेलखणà¥à¤¡ लोक जीवन और लोक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के आधिसà¥à¤ ान के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त ही सेंगरान की आंचलिक कला और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ आती है। यहाठकी लोकवाचिक (लोक कला) परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के समसà¥à¤¤ पकà¥à¤·à¥‹ आसà¥à¤¥à¤¾à¤“, विशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹, रीति रिवाजो, परà¥à¤µà¥‹, उतà¥à¤¸à¤µà¥‹, दैननà¥à¤¦à¤¿à¤¨ और नैमितक अनà¥à¤·à¥à¤ ानो खान-पान, रहन-सहन, हास-परिहास, गीत-संगीत मानवीय संवेदनाओं के कारण संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ है। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ इस राजà¥à¤¯ के इतिहास जानने में सहायक ततà¥à¤µ रही। धरà¥à¤®à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पहलू है, जो पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से हमारी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¾ हैं। सेंगर राजà¥à¤¯ à¤à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ शासित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° हैं जहाॅ हमेशा ही हिनà¥à¤¦à¥‚ राजाओ का अधिपवà¥à¤¯ था अतः इस राजà¥à¤¯ में अनà¥à¤¯ धरà¥à¤®à¤¾à¤µà¤²à¤®à¥à¤¬à¥€ शासको को सेंगरो ने पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नही करने दिया “कहा जाता हंै की à¤à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ ने पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किये ये कोई चà¥à¤¾à¤ˆ नही थी और न इससे पहले कà¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ नईगà¥à¥€ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किये थे बलà¥à¤•à¥€ रीवा वाले उनको नईगà¥à¥€ दिखाने लाठथे। जब छतà¥à¤°à¤§à¤¾à¤°à¥€ सिंह को यहां अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की सूचना मिली इससे नाराज होकर वह पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤— में थे वहां से बनारस चले गये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा -’हम नईगà¥à¥€ न जायेगे न ही वहाॅ का पानी पियेगे हमारी गढी को बेधरà¥à¤®à¥€ कचर दिये है’ जब उनà¥à¤¹à¥‡ समà¤à¤¾-बà¥à¤à¤¾ कर बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ गया वे धेनमहा (कोरà¥à¤Ÿ के) पास उपवास किये उनके साथ उनकी पà¥à¤°à¤¾à¤œà¤¾ à¤à¥€ उपवास में वैठी रही और तीन रोज तक पानी नही पिया बहà¥à¤¤ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ बà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ पर गà¥à¥€ को धà¥à¤²à¤µà¤¾à¤•à¤° गंगा जल से पवितà¥à¤° किया गया तब गà¥à¥€ परिसर में बने राम जानकी मंदिर में छतà¥à¤°à¤§à¤¾à¤°à¥€ ने उपवास तोड़ा।
How to cite this article:
डाॅ. सà¥à¤®à¤¨ तिवारी. बघेलखणà¥à¤¡ के सेंगरों का सामाजिक-धरà¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियाà¤. Int J Appl Res 2017;3(12):418-421.