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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 2, Part A (2017)

मध्यान्ह भोजन योजना के प्रति अध्यापकों के दृष्टिकोण का एक विश्लेषण उत्तरप्रदेश, जनपद-फतेहपुर के विशेष सन्दर्भ में

मध्यान्ह भोजन योजना के प्रति अध्यापकों के दृष्टिकोण का एक विश्लेषण उत्तरप्रदेश, जनपद-फतेहपुर के विशेष सन्दर्भ में

Author(s)
डा. अर्चना गुप्ता, प्रो. जे.पी. श्रीवास्तव
Abstract
भोजन मानव जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है। भोजन का एक मात्र उद्देश्य भूख निवृत्ति ही नहीं है, बल्कि भोजन का सम्बन्ध जीवन विकास के विभिन्न पहलुओं जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भोजन शारीरिक आवश्यकताओं के साथ-साथ सामाजिक एवं संवेगात्मक आवश्यकताओं की सन्तुष्टि भी करता है। आहार सुरक्षा एवं शिक्षा के अधिकार के व्यापक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए देश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के पोषाहार स्तर में सुधार एवं गुणवत्ता परक शिक्षा हेतु उनके नामांकन एवं उपस्थिति में वृद्धि करने के उद्देश्य से केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मन्त्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से फ्लैगशिप कार्यक्रम के रूप में ‘मध्यान्ह भोजन योजना’ संचालित की जा रही है। मध्यान्ह भोजन योजना बच्चों के पूरक पोषण के स्रोत और उनके स्वस्थ्य विकास के रूप में कार्य करता है। यह योजना छात्रों के ज्ञानात्मक, भावात्मक और सामाजिक विकास में सहायक है। किसी भी योजना की सफलता हेतु लोगों की सहभागिता हो, इसके लिए कार्यक्रम के प्रति उनके दृष्टिकोण के अनुकूल होने की अपेक्षा की जाती है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत शोध अध्ययन उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के विकास खण्ड अमौली के सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 35 अध्यापकों के मध्यान्ह भोजन योजना के प्रति दृष्टिकोण एवं इस कार्यक्रम में उनके द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं से सम्बन्धित है। इस शोध अध्ययन में वर्णनात्मक सर्वेक्षण शोध अभिकल्प का प्रयोग करते हुए समस्या की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत शोध अध्ययन में बहुस्तरीय संयोगिक निदर्शन तकनीकि का प्रयोग किया गया है। आँकड़ों के संकलन हेतु प्राथमिक स्रोत विशिष्ट उपकरण के रूप में प्रश्नावली का प्रयोग किया गया है। प्रस्तुत शोध अध्ययन में अध्यापकों के मध्यान्ह भोजन योजना के प्रति दृष्टिकोण सम्बन्धी अध्ययन करने पर पाया गया कि अधिकांश अध्यापक (57.14%) इस कार्यक्रम के प्रति मध्यम स्तरीय अनुकूलता रखते हैं। अधिकांश अध्यापकों (91.42%) द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना की परिवर्तन लागत धनराशि का समय से प्राप्त न होना एवं अपर्याप्त होना, 85.71 प्रतिशत द्वारा ग्राम प्रधानों के अनावश्यक हस्तक्षेप की समस्या, 57.14 प्रतिशत द्वारा रसद आपूर्ति सम्बन्धी समस्याएँ, 54.28 प्रतिशत द्वारा फल एवं दूध की उपलब्धता की समस्या, 51.42 प्रतिशत द्वारा भण्डारण कक्ष का अभाव तथा रसोंइया मानदेय समय से प्राप्त न होने की समस्या बताई गई। इस योजना के प्रति अध्यापकों का दृष्टिकोण उच्च स्तरीय बनाने एवं मध्यान्ह भोजन योजना के उत्कृष्ट संचालन के लिए सम्बन्धित अध्यापकों को मध्यान्ह भोजन योजना सम्बन्धी अपने प्रभावी उत्तरदायित्त्वों के निर्वहन हेतु उचित मार्गदर्शन एवं सामयिक गुणवत्तापरक प्रशिक्षण दिए जाने एवं वित्तीय व्यवस्था तथा आधारिक संरचना को सुदृढ़ किए जाने की अनुशंसा की जाती है।
Pages: 24-32  |  5427 Views  299 Downloads
How to cite this article:
डा. अर्चना गुप्ता, प्रो. जे.पी. श्रीवास्तव. मध्यान्ह भोजन योजना के प्रति अध्यापकों के दृष्टिकोण का एक विश्लेषण उत्तरप्रदेश, जनपद-फतेहपुर के विशेष सन्दर्भ में. Int J Appl Res 2017;3(2):24-32.
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