Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 3, Issue 7, Part B (2017)

ग्रामीण क्षेत्रों में आय एवं रोजगार सृजन-मऊगंज तहसील के विशेष संदर्भ में

ग्रामीण क्षेत्रों में आय एवं रोजगार सृजन-मऊगंज तहसील के विशेष संदर्भ में

Author(s)
डाॅ. संस्तुति पाण्डेय, डाॅ. सोमदत्त पाण्डेय
Abstract
महात्मा गाँधी कहा करते थे कि असली भारत गांवों में बसता है। गाँधी जी के समय सचमुच भारत की अधिकतर आबादी गांवो में रहती थी। पिछली सदी के आरंभ में यानी 1901 में हुई जनगणना के अनुसार लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में और केवल 10 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में रह रही थी किन्तु 50 वर्ष बाद 1951 में हुई पहली जनगणना में दर्ज 83 प्रतिशत ग्रामीण आबादी 2001 की जनगणना तक घटकर 74 प्रतिशत तक आ गई और इस समय यह 70 प्रतिशत से भी कम हो गई है। जनसंख्या के स्वरूप में इस नकारात्मक बदलाव को रोकने के उपायों पर विचार करने से पहले इस प्रवृत्ति के मोटे-मोटे कारणों की पड़ताल करना समीचीन होगा। हालंकि कृषि के विकास पर भी बराबर जोर दिया जाता रहा है लेकिन परिवार बढ़ने पर सभी लोगों का पेट पाल सकने में कृषि क्षेत्र असमर्थ होता गया और गांवों में रोजगार के अवसर निरंतर घटते गए।
Pages: 134-136  |  1206 Views  113 Downloads
How to cite this article:
डाॅ. संस्तुति पाण्डेय, डाॅ. सोमदत्त पाण्डेय. ग्रामीण क्षेत्रों में आय एवं रोजगार सृजन-मऊगंज तहसील के विशेष संदर्भ में. Int J Appl Res 2017;3(7):134-136.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals