Vol. 3, Issue 7, Part B (2017)
गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आय à¤à¤µà¤‚ रोजगार सृजन-मऊगंज तहसील के विशेष संदरà¥à¤ में
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Author(s)
डाॅ. संसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯, डाॅ. सोमदतà¥à¤¤ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯
Abstract
महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ कहा करते थे कि असली à¤à¤¾à¤°à¤¤ गांवों में बसता है। गाà¤à¤§à¥€ जी के समय सचमà¥à¤š à¤à¤¾à¤°à¤¤ की अधिकतर आबादी गांवो में रहती थी। पिछली सदी के आरंठमें यानी 1901 में हà¥à¤ˆ जनगणना के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लगà¤à¤— 90 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ आबादी गांवों में और केवल 10 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ जनसंखà¥à¤¯à¤¾ शहरों में रह रही थी किनà¥à¤¤à¥ 50 वरà¥à¤· बाद 1951 में हà¥à¤ˆ पहली जनगणना में दरà¥à¤œ 83 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ आबादी 2001 की जनगणना तक घटकर 74 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तक आ गई और इस समय यह 70 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से à¤à¥€ कम हो गई है। जनसंखà¥à¤¯à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प में इस नकारातà¥à¤®à¤• बदलाव को रोकने के उपायों पर विचार करने से पहले इस पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के मोटे-मोटे कारणों की पड़ताल करना समीचीन होगा। हालंकि कृषि के विकास पर à¤à¥€ बराबर जोर दिया जाता रहा है लेकिन परिवार बà¥à¤¨à¥‡ पर सà¤à¥€ लोगों का पेट पाल सकने में कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° असमरà¥à¤¥ होता गया और गांवों में रोजगार के अवसर निरंतर घटते गà¤à¥¤
How to cite this article:
डाॅ. संसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯, डाॅ. सोमदतà¥à¤¤ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯. गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आय à¤à¤µà¤‚ रोजगार सृजन-मऊगंज तहसील के विशेष संदरà¥à¤ में. Int J Appl Res 2017;3(7):134-136.