Vol. 3, Issue 7, Part D (2017)
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वनोनà¥à¤®à¥‚लन की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वनोनà¥à¤®à¥‚लन की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿
Author(s)
मोनिका जाखड़
Abstract
इस शोध-पतà¥à¤° में वन का महतà¥à¤µ और वनोनà¥à¤®à¥‚लन की घटना के बारे में चरà¥à¤šà¤¾ की गई है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वनोनà¥à¤®à¥‚लन की परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का à¤à¥€ वरà¥à¤£à¤¨ किया गया है। इस इकाई में हमने वनोनà¥à¤®à¥‚लन के मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ à¤à¥€ किया गया है। इसके अतिरिकà¥à¤¤, संà¤à¤µ उपचारी उपायों पर à¤à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ की गई है। सह महसूस किया गया है। कि वनोनà¥à¤®à¥‚लनय बहà¥à¤¤ अधिक चेतावनी देने वाला हो रहा है और समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को इस आपदा से विशà¥à¤µ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ बनाने के लिठकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करनी होगी और सोचना होगा। वनोनà¥à¤®à¥‚लन के ततà¥à¤•à¤¾à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ अà¤à¥€ मालूम नहीं होंगे, परनà¥à¤¤à¥ यदि यह पीà¥à¥€ इस संबंध में अनिवारà¥à¤¯ रूप से कारà¥à¤¯ नहीं करेगी तो अगली पीà¥à¥€ को इसके परिणाम à¤à¥à¤—तने होंगे। इस तरह वन और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखने के लिठतà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने की जरूरत है। इस इकाई में वनोनà¥à¤®à¥‚लन आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन पर à¤à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ की गई है।
How to cite this article:
मोनिका जाखड़. à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वनोनà¥à¤®à¥‚लन की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿. Int J Appl Res 2017;3(7):265-267.