Vol. 4, Issue 11, Part D (2018)
मनीषा कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कहानी संगà¥à¤°à¤¹ ‘गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µà¤‚ - गाथा’ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤• परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में
मनीषा कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कहानी संगà¥à¤°à¤¹ ‘गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µà¤‚ - गाथा’ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤• परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में
Author(s)
सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ वरà¥à¤®à¤¾
Abstract
वीर रस होता जहाठशà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार है। देश गौरव की शिथिलता है वहाà¤à¥¤ तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ यह है कि देश गौरव à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठशà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार या à¤à¥‹à¤—वादी उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ बेहद जरूरी है। à¤à¥‹à¤—वादी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पूंजीवादी बाजार का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग है पूंजीवादी बाजार के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के कारण राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का उदय होता है, सामानà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾, सामानà¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सामानà¥à¤¯ बाजार आधà¥à¤¨à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ का आधार है à¤à¥‹à¤—वादी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ जिस तरह मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² मे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤ बनने से रोकती थी वही दूसरी ओर उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° नठयà¥à¤— मे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤µ बोध का कà¥à¤·à¤¯ करता है, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को विखंडित करता और अंधराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ को पैदा करता है मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² मे शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार रस की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अà¤à¤¾à¤µ के बीच गहरा रिशà¥à¤¤à¤¾ था तो आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤•à¤¾à¤² मे उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦, अंधराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤µà¤‚ पृथकतावाद के बीच मे गहरा रिशà¥à¤¤à¤¾ देखा जा सकता है दोनो ही अवसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं मे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§ का कà¥à¤·à¤¯ होता है मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² मे कवि शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार रस मे डूबे हà¥à¤ थे तो आधà¥à¤¨à¤¿à¤• काल मे वसà¥à¤¤à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ हो गठहै। ‘गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µ गाथा’ कहानी संगà¥à¤°à¤¹ मे मनीषा कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ की कहानियों मे इसी तरह की वसà¥à¤¤à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ व हिनà¥à¤¦à¥‚ - मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• दंगो जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ विà¤à¤¾à¤œà¤¨ से लेकर आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¥€à¤•à¤°à¤£ के दौर मे à¤à¥€ देश की राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤•à¤¤à¤¾ व विकास को धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ कर रहे है का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ किया है कोई à¤à¥€ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• यà¥à¤— की सामाजिक, राजनीतिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, धारà¥à¤®à¤¿à¤• सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चेतना के उदाहरणों को सामने रखकर ही विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने यà¥à¤— की सामाजिक, राजनीतिक, धारà¥à¤®à¤¿à¤• - सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चेतना से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होता है।
How to cite this article:
सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ वरà¥à¤®à¤¾. मनीषा कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कहानी संगà¥à¤°à¤¹ ‘गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µà¤‚ - गाथा’ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤• परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में. Int J Appl Res 2018;4(11):230-233.