Vol. 5, Issue 10, Part A (2019)
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के अवसर à¤à¤µà¤‚ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के अवसर à¤à¤µà¤‚ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤
Author(s)
डाॅ. जटाशंकर आर. तिवारी, डाॅ. देवेश कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°
Abstract
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ à¤à¤• परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯ है। यहाठचारो तरफ नैसरà¥à¤—िक सौंदरà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है जो अनायास ही परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ को अपनी ओर खींचती है। यहाठकी सà¥à¤°à¤®à¥à¤¯ वादियाà¤, बरà¥à¤« से लदे उनà¥à¤¨à¤¤ गिरि शिखर, कल-कल धà¥à¤µà¤¨à¤¿ करती सदावाहिनि नदियाà¤, घास के मैदान और घने जंगल आदि काल से ही परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ के आकरà¥à¤·à¤£ केंदà¥à¤° रहे हैं। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में साहसिक परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨, तीरà¥à¤¥à¤¾à¤Ÿà¤¾à¤¨, पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨, गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨, मीटिंग, इंसेंटिव टूर, पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ और समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के विकास की पà¥à¤°à¤¬à¤² समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ हैं। यहाठपरà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के विकास के परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ अवसर उपलबà¥à¤§ होते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ का उचित विकास नहीं हà¥à¤† है। इस शोधपतà¥à¤° में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के विकास में आने वाली कठिनाइयों और चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ की गयी है।
How to cite this article:
डाॅ. जटाशंकर आर. तिवारी, डाॅ. देवेश कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°. उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के अवसर à¤à¤µà¤‚ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤. Int J Appl Res 2019;5(10):42-45.