Vol. 1, Issue 7, Part G (2015)
1860-1947 के बीच भारत में पर्यावरणीय आंदोलनों का अध्ययन
1860-1947 के बीच भारत में पर्यावरणीय आंदोलनों का अध्ययन
Author(s)
शलभ चिकारा
Abstract
यह शोध भारत में 1860-1947 के बीच पर्यावरणीय आंदोलनों का एक ऐतिहासिक अध्ययन प्रस्तुत करता है। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान वनों और जल संसाधनों के शोषण ने स्थानीय आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक जीवनशैली और अधिकारों पर गहरा प्रभाव डाला। इस शोध में सिद्धू-कान्हू विद्रोह, बस्तर विद्रोह, और उत्तराखंड में प्रारंभिक चिपको आंदोलन जैसे उदाहरणों के माध्यम से इन आंदोलनों की प्रकृति और कारणों का विश्लेषण किया गया है। यह अध्ययन तत्कालीन पर्यावरणीय नीतियों और उनके परिणामों पर भी प्रकाश डालता है। प्राथमिक स्रोतों जैसे पत्र, डायरियों, और समकालीन समाचार पत्रों का उपयोग करते हुए, यह शोध औपनिवेशिक पर्यावरणीय नीतियों के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने का प्रयास करता है।
How to cite this article:
शलभ चिकारा. 1860-1947 के बीच भारत में पर्यावरणीय आंदोलनों का अध्ययन. Int J Appl Res 2015;1(7):413-418.