Vol. 2, Issue 1, Part C (2016)
सामाजिक-सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संदरà¥à¤ में छायावाद
सामाजिक-सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संदरà¥à¤ में छायावाद
Author(s)
दà¥à¤°à¥à¤—ाननà¥à¤¦ यादव
Abstract
छायावाद परोकà¥à¤· जीवन की नहीं, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· जीवन की ही अनà¥à¤à¥‚ति है। इसमें वायवीयता के धरातल पर मांसलता की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। यह कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ जीवन-चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सरल कावà¥à¤¯-धारा है और सरस कावà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· संसार से मà¥à¤à¤¹ मोड़कर नहीं लिखा जा सकता है। वह लाकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• शैली मातà¥à¤° à¤à¥€ नहीं है। वरनॠछायावाद अगम अगोचर, अनाम, अवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤, अजà¥à¤žà¤¾à¤¤, अतित तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पंà¥à¤œ है, जिसमें कवियों ने अपनी मन की बात को अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया है। छायावादी कवियों ने सूकà¥à¤·à¥à¤® संकेतातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• योजना में निबदà¥à¤§ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤‚जना की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤‚गिमाओं को संवेदना के समà¥à¤ªà¥à¤Ÿ में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। उनका सà¥à¤µà¤° सामाजिक, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯, मानवतावादी आदि का समà¥à¤¯à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤«à¤² है। वे मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ चाहते हैं- ‘‘à¤à¤• ओर कवि की रूà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से, दूसरी ओर सामाजिक à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पराधीनता के बंधनों से।’’
How to cite this article:
दà¥à¤°à¥à¤—ाननà¥à¤¦ यादव. सामाजिक-सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संदरà¥à¤ में छायावाद. Int J Appl Res 2016;2(1):198-200.