International Journal of Applied Research
Vol. 2, Issue 1, Part L (2016)
नाथद्वारा चित्रकला का स्वरूप
Author(s)
डाॅ. युगलकिशोर शर्मा
Abstract
शोध पत्र का सारांष इस रूप में उभर कर आता है कि नाथद्वारा चित्रकला को किसी षैलीगत प्रारूप में निबद्व नहीं कर यदि उसका वृहद रूप भारतीय कला के उस रूप में आंकलन किया जाये जिसमें भारतीय कला का मूल रूप औचित्यवाद रहा है तो नाथद्वारा चित्रकला अपने आपमें वैयक्तिक एवं विषिष्ट रूप में प्रस्थापित होती है।
How to cite this article:
डाॅ. युगलकिशोर शर्मा. नाथद्वारा चित्रकला का स्वरूप. Int J Appl Res 2016;2(1):889-890.