Vol. 2, Issue 1, Part M (2016)
विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ जनकला का à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प
विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ जनकला का à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प
Author(s)
डाॅ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾
Abstract
à¤à¤• कलाकार की जन उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ यà¥à¤•à¥à¤¤ कलाकृति खà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आमजन के बीच पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ होती है तो वह जनकला (पबà¥à¤²à¤¿à¤• आरà¥à¤Ÿ) कहलायेगी और उसी कलाकार की दूसरी कृति किसी संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में या सात सितारा होटल में या फिर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¨ में पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ की जा रही है तो वो जनकला के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त नहीं आयेगी à¤à¤²à¥‡ ही उसमें जनहित उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¤°à¤¾ पड़ा हो। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वो कलाकृति आमजन की पहà¥à¤à¤š से बहà¥à¤¤ दूर है, जिसे देखने का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ à¤à¥€ आम जनता का नहीं है, अगर उसी कृति को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¤ कर सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• खà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जनता के समकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ कर दिया जाये तो वह कलाकृति जनकला की संजà¥à¤žà¤¾ धारण कर लेती है।
How to cite this article:
डाॅ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾. विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ जनकला का à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प. Int J Appl Res 2016;2(1):926-928.