Vol. 2, Issue 12, Part A (2016)
जंगल के दावेदार’ का नायक बीरसा मà¥à¤£à¥à¤¡à¤¾
जंगल के दावेदार’ का नायक बीरसा मà¥à¤£à¥à¤¡à¤¾
Author(s)
डॉ. उतà¥à¤¤à¤® पटेल
Abstract
आदिवासी जीवन पर रचे गठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में ‘बलि-विà¤à¤¾à¤µà¤°à¥€â€™-शिरसकर (मराठी), ‘कà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤° कà¥à¤¸à¥â€™-कारंत (कनà¥à¤¨à¥œ), ‘अमृत संतान’-गोपीनाथ महंती (उड़िया), ‘मधà¥à¤“र’-शिवशंकर पिलà¥à¤²à¥ˆ (मलयालम), ‘कब तक पà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‚à¤â€™-रांगेय राघव, ‘मैला आà¤à¤šà¤²â€™-रेणà¥,, ‘सिदà¥à¤§à¥‚ कानà¥à¤¹à¥‚, ‘चोटà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤‚डा का तीर’, ‘हजार चैरासी की माà¤â€™- महाशà¥à¤µà¥‡à¤¤à¤¾ देवी (बंगाली), ‘अरणà¥à¤¯à¤µà¤¹à¥à¤¨à¤¿â€™-ताराशंकर बंधोपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ (बंगाली), ‘आरणà¥à¤¯à¤•â€™-विà¤à¥‚ति à¤à¥‚षण बंधोपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ (बंगाली), ‘गगन घटा घहरानी’ (मनमोहन पाठक), ‘सहराना’ (पà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ सिंह), ‘अलà¥à¤®à¤¾ कबूतरी’ (मैतà¥à¤°à¥‡à¤¯à¥€ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾), ‘जंगल जहाठशà¥à¤°à¥‚ होता है’ (संजीव) आदि महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हैं। इनमें बंगाली लेखिका महाशà¥à¤µà¥‡à¤¤à¤¾ देवी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ‘जंगल के दावेदार’ à¤à¤• माइल सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ मील का पतà¥à¤¥à¤° सिदà¥à¤§ हà¥à¤† है। इसमें चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ संथाल आदिवासी नेता बीरसा मà¥à¤‚डा ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के सामने अपने अधिकारों के लिठसंघरà¥à¤· किया था। जिससे à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ हो अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने इसे जहर देकर मार डाला था। बीरसा मर कर à¤à¥€ मà¥à¤‚डा में चेतना और अधिकार-बोध à¤à¤°à¤•à¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ संघरà¥à¤· करना सिखा जाता है। इस बीरसा के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से गà¥à¤‚डाधà¥à¤° जैसे नेता हà¥à¤à¥¤ तो बिहार, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, उड़ीसा, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ और मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के पूरà¥à¤µà¥€-दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के आदिवासी उसे अपने नायक के रूप में देखते हैं।
How to cite this article:
डॉ. उतà¥à¤¤à¤® पटेल. जंगल के दावेदार’ का नायक बीरसा मà¥à¤£à¥à¤¡à¤¾. Int J Appl Res 2016;2(12):45-48.