Vol. 2, Issue 12, Part H (2016)
भारत की स्थानीय भाषाओं पर औपनिवेशिक नीतियों का प्रभाव
भारत की स्थानीय भाषाओं पर औपनिवेशिक नीतियों का प्रभाव
Author(s)
शलभ चिकारा
Abstract
ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों ने भारत की भाषायी विविधता और स्थानीय साहित्यिक परंपराओं को गहराई से प्रभावित किया। अंग्रेजी को प्राथमिकता देकर स्थानीय भाषाओं की शिक्षा प्रणाली और सांस्कृतिक पहचान को कमजोर किया गया। इसने समाज में विभाजन पैदा किया और पारंपरिक ज्ञान की धारा को बाधित किया। हालाँकि, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भाषायी पुनरुत्थान के प्रयास हुए, और स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान ने स्थानीय भाषाओं को सम्मान और संरक्षण प्रदान किया। यह लेख औपनिवेशिक काल की नीतियों, उनके प्रभाव और भारत में भाषायी पुनरुत्थान के प्रयासों का विश्लेषण करता है।
How to cite this article:
शलभ चिकारा. भारत की स्थानीय भाषाओं पर औपनिवेशिक नीतियों का प्रभाव. Int J Appl Res 2016;2(12):547-551.