Vol. 2, Issue 8, Part L (2016)
पराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ दणà¥à¤¡à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤
पराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ दणà¥à¤¡à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤
Author(s)
ममता तिवारी
Abstract
पराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¥€à¤¯ दणà¥à¤¡ विधान पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ 12 अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में विà¤à¤•à¥à¤¤ है। पराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤£à¥‡à¤¤à¤¾ à¤à¤—वान वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के पिता ऋषि पराशर है, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चारों वरà¥à¤£à¥‹à¤‚ की धरà¥à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को समà¤à¤•à¤° सहज साधà¥à¤¯ रूप धरà¥à¤® की मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ को निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ किया है तथा कलयà¥à¤— में दान धरà¥à¤® को पà¥à¤°à¤®à¥à¤– बताया है। पà¥à¤°à¤¥à¤® अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के 30 शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ में कहा गया है कि सतयà¥à¤— में पà¥à¤°à¤¾à¤£ असà¥à¤¥à¤¿à¤—त, तà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾à¤¯à¥à¤— में मांसगत, दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤°à¤¯à¥à¤— में रूधिर में, तथा कलयà¥à¤— में अनà¥à¤¨ में बसते है। कà¥à¤²à¤¯à¥à¤— में आचार-विचार, परिपालन मà¥à¤–à¥à¤¯ धरà¥à¤® है। तृतीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में शिशà¥à¤“ं, गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ में अशौच à¤à¤µà¤‚ यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¤¿à¤¤ होने तक अशौच वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ है। चैथे अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में गरà¥à¤à¤ªà¤¾à¤¤ को बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® हतà¥à¤¯à¤¾ के तà¥à¤²à¥à¤¯ मानते हà¥à¤ इससे दà¥à¤¨à¤¾ पाप का à¤à¤¾à¤—ी होना बताया गया है। छवाॅ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ के बध को पाप कहा गया है तथा इनके पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ का विधान बताया गया है। नौवे अघà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, बालक, सेवक, रोगी तथा दà¥à¤ƒà¤–ियों पर कोप न करने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया गया है। बारहमें अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में किसी à¤à¥€ पापी के साथ शयन, संसरà¥à¤— à¤à¤µà¤‚ आशन पर बैठना तथा à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना à¤à¥€ पाप कहा गया है। जिसमें पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ के लिठगोवà¥à¤°à¤¤ पालन का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ है।
How to cite this article:
ममता तिवारी. पराशरसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ दणà¥à¤¡à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤. Int J Appl Res 2016;2(8):842-844.