Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)
सà¥à¤•à¥‚लीय शिकà¥à¤·à¤¾ का बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सामाजिक, मानसिक à¤à¤µà¤‚ शारीरिक विकास पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
सà¥à¤•à¥‚लीय शिकà¥à¤·à¤¾ का बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सामाजिक, मानसिक à¤à¤µà¤‚ शारीरिक विकास पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
शांतà¥à¤µà¤¨à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
किसी à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का आदरà¥à¤¶ उसके शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¤ होता है। सामाजिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सृजन, पोषण à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ में शिकà¥à¤·à¤¾ की अहमॠà¤à¥‚मिका होती है। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का मत है कि शिकà¥à¤·à¤¾ जीवन की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ है और बचà¥à¤šà¥‡ उस नींव पर बनने वाली इमारत। आज का बचà¥à¤šà¥‡ कल का राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ है। ”सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ शरीर में सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• का वास होता है।“ इस अà¤à¥€à¤·à¥à¤ लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिये विशà¥à¤µ सà¥à¤¤à¤° की सरकारी à¤à¤µà¤‚ गैर सरकारी कई संगठन कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। जिससे की सà¥à¤•à¥‚लीय शिकà¥à¤·à¤¾ का बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के शारीरिक, मानसिक à¤à¤µà¤‚ सामाजिक विकास हो सके।
How to cite this article:
शांतà¥à¤µà¤¨à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. सà¥à¤•à¥‚लीय शिकà¥à¤·à¤¾ का बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सामाजिक, मानसिक à¤à¤µà¤‚ शारीरिक विकास पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2017;3(1):896-898.