Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)
मिथिला के राजवंश : à¤à¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• अनà¥à¤¶à¥€à¤²à¤¨
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Author(s)
डॉ० मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤°
Abstract
जनक और जानकी के कारण मिथिला पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ है। मिथिला का नामकरण à¤à¥€ रोचक है-वषिषà¥à¤ के शाप से राजा ‘निमि’ की मृतà¥à¤¯à¥ हो गई। परनतॠपà¥à¤¨à¤ƒ ‘निमि’ के शरीर मंथन से ‘मिथि’ नामक पà¥à¤¤à¥à¤° की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ जिसके नाम पर ‘मिथिला’ राजà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ यहीं के राजा जनक à¤à¥€ थे। शतà¥à¤°à¥à¤“ं को नषà¥à¤Ÿ करने वाली नगरी के रूप में à¤à¥€ मिथिला की पहचान है। यहाठकई राजवंषों का शासन रहा। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ राजवंषों और उनकी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का विषà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ इस आलेख में किया गया है।
How to cite this article:
डॉ० मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤°. मिथिला के राजवंश : à¤à¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• अनà¥à¤¶à¥€à¤²à¤¨. Int J Appl Res 2017;3(1):984-985.