Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾: à¤à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£
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Author(s)
डाॅ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾
Abstractà¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ अति पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ है। सैनà¥à¤§à¤µ-सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के अवशेषों में अनेक मिटà¥à¤Ÿà¥€ की बनी हà¥à¤ˆ नारी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ है, जो सामानà¥à¤¯ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚बी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से कà¥à¤› à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है। इन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है कि इसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किसी देवी का अंकन अà¤à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ था। सैनà¥à¤§à¤µ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मौरà¥à¤¯ यà¥à¤— में कला की अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ इस काल में à¤à¥€ हमें पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ शिलà¥à¤ª के शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ उदाहरण मिलते हैं। गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤² में चà¥à¤¨à¤¾à¤° पतà¥à¤¥à¤° पर सारनाथ के कलाकारों ने बà¥à¤¦à¥à¤§ की अनेक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया था।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मंदिर निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प बौदà¥à¤§ सà¥à¤¤à¥‚पों और चैतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में पाया जा सकता है। गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤² में इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर हिनà¥à¤¦à¥‚ मंदिरों का विकास हà¥à¤† था।
How to cite this article:
डाॅ. अनिल गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾. पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾: à¤à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£. Int J Appl Res 2017;3(1):1009-1011.