Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)
ईशà¥à¤µà¤° का कला संसार
ईशà¥à¤µà¤° का कला संसार
Author(s)
डाॅ. अरविनà¥à¤¦ मैनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¾
Abstract
कला का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤µà¤‚ कलाकार के बीच संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करना रहा है और कला के सृजन में कलाकार ईशà¥à¤µà¤° का सहयोगी बन जाता है। बà¥à¤°à¤¹à¥ƒà¤¾à¤£à¥à¤¡ से लिखकर या नृतà¥à¤¯ या चितà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¨à¤ƒà¤¸à¤œà¥ƒà¤¨ कर à¤à¤• कलाकार ईशà¥à¤µà¤° के समककà¥à¤· माना जा सकता है। समकालीन कलाकार इस पृथक ढंग से परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करते है, उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मानव सà¥à¤µà¤‚य सृजनकरà¥à¤¤à¤¾ है। अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मानव की सहज पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ है अतः इसी पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ के कारण आदिमानव ने चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ का कला संसार रचा।
How to cite this article:
डाॅ. अरविनà¥à¤¦ मैनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¾. ईशà¥à¤µà¤° का कला संसार. Int J Appl Res 2017;3(1):1022-1023.