Vol. 3, Issue 10, Part D (2017)
उत्तराखण्ड राज्य् में उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों की सांवेगिक बुद्धि का लिंग, संकाय एवं बोर्ड के सन्दर्भ में अध्ययन
उत्तराखण्ड राज्य् में उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों की सांवेगिक बुद्धि का लिंग, संकाय एवं बोर्ड के सन्दर्भ में अध्ययन
Author(s)
दीपा पुनेठा, कविता मित्तल, डॉ० सपना शर्मा
Abstract
सांवेगिक बुद्धि द्वारा विशिष्ट परिस्थितियों में प्रतिक्रिया करने की समझ विकसित होती है। सांवेगिक बुद्धि को जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में अधिकतम लाभ प्राप्त करने हेतु संवेगों का उपयोग करने वाली संज्ञानात्मक योग्यताओं का समूह माना जाता है। संवेगात्मक बुद्धि विद्यालय तथा कार्यक्षेत्र में सफलता को निर्धारित करती है तथा विशिष्ट परिस्थितियों में उपयुक्त प्रतिक्रिया करने की समझ विकसित करती है। किशोरों में सांवेगिक बुद्धि आक्रामकता में कमी, व अधिक लोकप्रियता एवं सुधारात्मक अधिगम की ओर अग्रसर करती हैं। उच्च सांवेगिक बुद्धि के विद्यार्थी स्वयं को प्रत्येक परिस्थिति में समायोजित कर लेते हैं तथा घर, विद्यालय, समाज, कार्यस्थल आदि सभी स्थानों में अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक सम्पादन करते हैं। उचित सांवेगिक प्रबन्ध उनके चिन्तन में सहायक होता है। प्रस्तुत शोध के द्वारा समस्त शिक्षार्थी लाभान्वित होंगे। क्योंकि बालक यदि अपने संवेगों को नियन्त्रित करने में सफल होगा तो अपनी परिस्थितियों में समायोजन कर उपलब्धियों में उत्तरोत्तर विकास करेगा एवं समाज व राष्ट्र की उन्नति में उसका योगदान रहेगा।
How to cite this article:
दीपा पुनेठा, कविता मित्तल, डॉ० सपना शर्मा. उत्तराखण्ड राज्य् में उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों की सांवेगिक बुद्धि का लिंग, संकाय एवं बोर्ड के सन्दर्भ में अध्ययन. Int J Appl Res 2017;3(10):245-249.