Vol. 3, Issue 2, Part C (2017)
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की कला का आधà¥à¤¨à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की कला का आधà¥à¤¨à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯
Author(s)
डाॅ. दीपक à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œ
Abstract
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की कला चेतना और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बोध के दरà¥à¤¶à¤¨ पांच दशकों मे यहां हà¥à¤¯à¥‡ कला सृजन के किये जा सकते है। यहां के चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बोध को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ लोक कला पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त शैलियों का आज के संदरà¥à¤à¥‹ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हà¥à¤¯à¥‡ जहां पर और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• कला को गति दी है। वही हमारी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त à¤à¤µà¤‚ लोक जीवन से जà¥à¥œà¥€ कला शैलियों को जीवंत रखने में महतà¥à¤¤à¥€ à¤à¥‚मिका अदा की है। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ शैलियों मेवाड़, मारवाड, ढूà¤à¤¢à¤¾à¤¡ व हाड़ोती के रूपगत अमूरà¥à¤¤à¤¤à¤¾ के साथ-साथ रंगों व पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के सरलीकृत अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ अरà¥à¤®à¥‚तता देखी जा सकती है।
How to cite this article:
डाॅ. दीपक à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤œ. राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की कला का आधà¥à¤¨à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯. Int J Appl Res 2017;3(2):183-184.