Vol. 3, Issue 2, Part G (2017)
बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बोध
बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बोध
Author(s)
डॉ॰ मंजॠचौधरी
Abstract
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का गहरा रिशà¥à¤¤à¤¾ रहा है किनà¥à¤¤à¥ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤—ति करने की लालसा ने उसे पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संतà¥à¤²à¤¨ को बिगाड़ दिया है। जिसके कारणवश परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संतà¥à¤²à¤¨ बिगड़ गया है। छठीं शताबà¥à¤¦à¥€ में बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• à¤à¤—वानॠगौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ ने अपने उपदेशों में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बोध के महतà¥à¤µ का विवरण किया है। यह परिवरà¥à¤¤à¤¨ बोध को धारà¥à¤®à¤¿à¤• दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• विचार के माधà¥à¤¯à¤® से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया गया है।
How to cite this article:
डॉ॰ मंजॠचौधरी. बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बोध. Int J Appl Res 2017;3(2):494-496.