Vol. 3, Issue 2, Part G (2017)
बौद्ध धर्म में पर्यावरण बोध
बौद्ध धर्म में पर्यावरण बोध
Author(s)
डॉ॰ मंजु चौधरी
Abstract
प्राचीन काल से ही मनुष्य एवं प्रकृति का गहरा रिश्ता रहा है किन्तु मनुष्य की प्रगति करने की लालसा ने उसे प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ दिया है। जिसके कारणवश पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया है। छठीं शताब्दी में बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान् गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों में पर्यावरण बोध के महत्व का विवरण किया है। यह परिवर्तन बोध को धार्मिक दार्शनिक विचार के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
How to cite this article:
डॉ॰ मंजु चौधरी. बौद्ध धर्म में पर्यावरण बोध. Int J Appl Res 2017;3(2):494-496.