Vol. 3, Issue 4, Part E (2017)
बघेलखणà¥à¤¡ का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£
बघेलखणà¥à¤¡ का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£
Author(s)
डाॅ. पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ पटेल
Abstract
बघेलखणà¥à¤¡ के उतà¥à¤¤à¤° में उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, पूरà¥à¤µ में छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—à¥, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और पशà¥à¤šà¤¿à¤® में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के à¤à¤¾à¤— हैं। बघेलखणà¥à¤¡ अब मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का à¤à¤¾à¤— है। 1956 ई. के राजà¥à¤¯ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हारà¥à¤Ÿ ‘सी’ का राजà¥à¤¯ विनà¥à¤§à¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ म.पà¥à¤°. में मिला दिया गया था। शैलाशà¥à¤°à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कला बीथिका के समान हैं, शैलाशà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤‚ में बने चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से उन चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से संबंधित समà¥à¤¦à¤¾à¤“ं के सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• जीवन के संबंध में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जानकारी मिलती हैं। इन चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ से आदि मानव के मानसिक विकास के संबंध में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सूचनाà¤à¤ मिलती हैं। ये चितà¥à¤° विलà¥à¤ªà¥à¤¤ हो रहे वनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ यथा हिरण, जंगली सà¥à¤…र, चीता, बाघ, गेड़ा आदि के संबंध में जानकारी के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं। इसके साथ ही संबंधित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की कला के कà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• विकास के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सोपानों को à¤à¥€ उजागर करते हैं।
How to cite this article:
डाॅ. पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ पटेल. बघेलखणà¥à¤¡ का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£. Int J Appl Res 2017;3(4):292-296.