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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 7, Part S (2017)

वर्तमान समय में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता

वर्तमान समय में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता

Author(s)
कमल कान्त शर्मा
Abstract
बौद्ध धर्म भारतीय साहित्य एवं संस्कृति का वह मूल्यवान बौद्धिक, नैतिक एवं सामाजिक तथा मानवतावादी जीवन पक्ष है जो सम्पूर्ण मानवता को अतीत की भाँति आज भी अर्न्तदृष्टि प्रदान करता है। बौद्ध धर्म अत्यंत निर्मल, निष्कलंक, निश्छल, सार्वजनीत, सार्वभौमिक, सार्वकालिक, सनातन, वैज्ञानिक एवं आशुफलदायी है, इसमें प्रज्ञा, शील, समाधि, सदाचार व ध्यानादि के माध्यम से शरीर व चिŸà¤¾ के पारस्परिक प्रभाव क्षेत्र का यथाभूत दर्शन करते हुए मन के अंदर की गहराईयों में निरीक्षण करते हुए प्रपंच मय अनित्यबोधिनी प्रज्ञा को जागृत किया जाता है, ताकि मन एवं शरीर को विकार मुक्त किया जा सके। अतः बौद्ध धर्म व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ उसे शुद्ध चिŸà¤¾, विकार रहित शरीर व स्वास्थ्यप्रद वातावरण युक्त जीवन पद्धति प्रदान करता है। अपने अतीत के गौरव को याद रखकर चलना ही भविष्य का निर्माण है। दूसरे को हानि न पहुंचाना ही बुद्ध का दर्शन है। ‘अत्त दीपो भव’ की कल्पना को स्वीकार करना आज की महती आवश्यकता है। आज के इस वैज्ञानिक एवं भूमंडलीकरण के रूप में जब पूरी दुनिया आतंकवाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद, एवं वर्चश्व के संघर्षरत है तो भगवान बुद्ध की करुणा सहिष्णुता एवं विश्व शांति का संदेश संपूर्ण विश्व का मार्ग दर्शन करेगा।
Pages: 1442-1445  |  1323 Views  856 Downloads
How to cite this article:
कमल कान्त शर्मा. वर्तमान समय में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता. Int J Appl Res 2017;3(7):1442-1445.
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