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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 7, Part S (2017)

ओमकारनाथ ठाकुर का भारतीय संगीत को योगदान

ओमकारनाथ ठाकुर का भारतीय संगीत को योगदान

Author(s)
डाॅ. रंजना गा्रेवर
Abstract
अमूल्य रत्नों से परिपूर्ण जाज्वल्यमान भारत वसंधुरा का आंचल कितना सौभाग्यशाली, कितना पवित्र और कितना अनोखा है, यह किसी से छिपा नहीं है। यह रत्नमयो भारतभूमि अपने अंतरण में जहां असंख्य मणि-मुक्ताएं छिपाए बैठी है, वहीं इसके आंचल में समय समय पर ऐसे रत्न भी पैदा हुए, जिन्होंने अपनी तपस्या, सृजनात्मक क्षमता एवं परम्परागत कला की कठोर तपस्या के बल पर भारत की समृद्ध संस्कृति अक्षुण बनाए रखने तथा उसके वैविध्यपूर्ण स्वरूपों को नित नवीन विधि से संवारने, सजाने एवं जन-जन के समक्ष उसे सी रूप में प्रस्तुत कर जनता को असीम आन्नद सौन्दर्य का वाध कगर्न में अपना सर्वस्व अपति कर दिया। उन्ही महान् पुरूषों में है ‘मंगोतमातंड’, पद्मश्री पं. ओमकारनाथ ठाकुर, जिनका नाम संगीताकाश में ‘मार्तड’ की भांति आज भी देदीप्यमान है।
Pages: 1482-1483  |  990 Views  627 Downloads


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How to cite this article:
डाॅ. रंजना गा्रेवर. ओमकारनाथ ठाकुर का भारतीय संगीत को योगदान. Int J Appl Res 2017;3(7):1482-1483.
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