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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 8, Part L (2017)

निरस्त्रीकरण एवं विश्व शांति का गांधीय दृष्टिकोण

निरस्त्रीकरण एवं विश्व शांति का गांधीय दृष्टिकोण

Author(s)
अनिल कुमार
Abstract
गांधी के लिए अस्त्र की बजाए आत्मबल अधिक प्रभावी व उपयोगी था। हथियारों की अंधी दौड़ जो भारत की स्वतंत्रता के समय भी चालू थी, गांधी के अनुसार अनावश्यक थी उसी अनुरूप उन्होनें नवस्वतंत्र भारत को इस दौड़ से बचने की सलाह दी। भारत को सम्पूर्ण विश्व के शांति दूत के रूप में देखने की गांधी की इच्छा थी। उनके अनुसार वास्तविक शक्ति आत्म बलिदान से आएगी ना कि शारीरिक बल से। निरस्त्रीकरण के पीछे मुख्यतः राष्ट्रों की शोषण करने की प्रवृति थी। गांधी ने सेना से युद्ध के कार्य से भिन्न रचनात्मक कार्य कराने का सुझाव दिया। औपनिवेशिक सम्राज्यवादी व शोषणकारी प्रवृति वैश्विक अशांति का मुख्य कारण थी, और सच्ची शांति अहिंसा के मार्ग पर चल कर ही प्राप्त हो सकती थी।
Pages: 941-944  |  703 Views  274 Downloads


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How to cite this article:
अनिल कुमार. निरस्त्रीकरण एवं विश्व शांति का गांधीय दृष्टिकोण. Int J Appl Res 2017;3(8):941-944.
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