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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 3, Issue 8, Part L (2017)

भारत में मुद्रास्फीति - कारण और प्रभाव

भारत में मुद्रास्फीति - कारण और प्रभाव

Author(s)
डॉ. कविता भटनागर
Abstract
मुद्रा और अर्थव्यवस्था का आपसी सम्बंध बहुत नजदीकी है। मुद्रा स्फीति और मुद्रा संकुचन का अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पडता है । भारत में आजादी के बाद से योजना बद्ध विकास को अपनाया गया था । हमारे देश में कभी बहुत तेज और कभी न्यून मुद्रास्फीति की दर बनी रही है जिससे हमारी विकास दर प्रभावित होती रही है। विकास के लिए हमनें घाटे की अर्थव्यवस्था को अपनाया था जिससे मुद्रा की मात्रा में वृद्धि हुई और कीमतों में लगातार इजाफा होता रहा है । रिजर्व बैंक और सरकार ने मौदिक और राजकोषीय उपाए अपनाए है जिससे कुछ हद तक हम मुद्रास्फीति पर काबू पाने मे सक्षम हुए है। भारत में नीतिनिर्माताओं ने 3% से 6% की मुद्रास्फीति की दर रखने के प्रयत्न किए है जो आशिंक सफल हो रहे है।
Pages: 951-956  |  577 Views  158 Downloads


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How to cite this article:
डॉ. कविता भटनागर. भारत में मुद्रास्फीति - कारण और प्रभाव. Int J Appl Res 2017;3(8):951-956.
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