Vol. 3, Issue 8, Part L (2017)
संगीत और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨
संगीत और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨
Author(s)
डाॅ. रंजना गाà¥à¤°à¥‡à¤µà¤°
Abstract
संगीत और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ कला को सबसे शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कला माना गया है। संगीत का जीवन से घनिषà¥à¤Ÿ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ माना जाता है। बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने इसे हृदयगत à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के पà¥à¤°à¤—टीकरण का सबसे सबल साधान माना है इसमें à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को ही समà¥à¤®à¥à¤– रखा जाता है इसका यह अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ कदापि नहीं कि संगीत का काई विधानातà¥à¤®à¤• सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ या उसकी अपनी विशेषताठनहीं संगीत किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¤ किया जाता है उसे कला की संजà¥à¤žà¤¾ दी जाà¤à¤—ी। मूल पदारà¥à¤¥ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिससे संगीत का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ माना जाà¤à¤—ा उसे ही हम विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की संजà¥à¤žà¤¾ दे सकते हैं। संगीत के पूरà¥à¤£ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के लिठइसके विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को समà¤à¤¨à¤¾ अति आवशà¥à¤¯à¤• है। यह विचार सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ मन में आता है कि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ ने अपना आंचल फैला संगीत के सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ और माधà¥à¤°à¥à¤¯ को किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया। जैसे-जैसे सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का विकास होता गया संगीत à¤à¥€ उसके अनà¥à¤•à¥‚ल विकासशील होता गया।
How to cite this article:
डाॅ. रंजना गाà¥à¤°à¥‡à¤µà¤°. संगीत और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨. Int J Appl Res 2017;3(8):964-965.