Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 4, Issue 1, Part F (2018)

‘द्वयाश्रय' का मोक्ष अवधारणाा : एक ऐतिहासिक अध्ययन

‘द्वयाश्रय' का मोक्ष अवधारणाा : एक ऐतिहासिक अध्ययन

Author(s)
डॉ० मनोज कुमार
Abstract
प्राकृत भाषा के प्रसिद्ध ग्रंथ ‘कुमारपाल-चरित’ का दूसरा नाम ‘द्वयाश्रय’ भी है। जैन गं्रथों में इसे ‘द्वयाश्रय’ के नाम से ही प्रायः जाना जाता है। यह बीस सर्गों का महाकाव्य है। इसके रचयिता हेमचन्द्र सूरि हैं। हेमचंद्र ने मात्र चार सर्गों में, अण हिलवाड पाटन के चालूक्य वंषी राजा कुमारपाल के यषोमय व्यक्तित्व का बखान किया है और शेष सर्गों में जैन-धर्म की मान्यताओं का रोचक वर्णन किया है। जैन मान्यताओं में ‘मोक्ष’ का अन्यतम स्थान है। इसे ही आलेख का विषय बनाया गया है।
Pages: 562-564  |  429 Views  54 Downloads
How to cite this article:
डॉ० मनोज कुमार. ‘द्वयाश्रय' का मोक्ष अवधारणाा : एक ऐतिहासिक अध्ययन. Int J Appl Res 2018;4(1):562-564.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals