Vol. 4, Issue 11, Part D (2018)
वैदिक साहितà¥à¤¯ और लौकिक साहितà¥à¤¯ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की शैली
वैदिक साहितà¥à¤¯ और लौकिक साहितà¥à¤¯ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की शैली
Author(s)
डॉ० सोमेशà¥à¤µà¤° नाथ à¤à¤¾ ‘दधीचि’
Abstract
à¤à¤—वतà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का à¤à¤•à¤à¤¾à¤µ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ साधना है। à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ साधना का रहसà¥à¤¯ सबके लिठसà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤šà¤¿à¤¤ नहीं है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत महापà¥à¤°à¤¾à¤£ में à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ हरसà¥à¤¯ अदà¥à¤à¥‚त है। à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ को तीन à¤à¤¾à¤—ों में बॉंट कर शैली को समà¤à¤¾ जा सकता है। पà¥à¤°à¤¥à¤®– पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• शैली दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ साधक शैली और तृतीय सिदà¥à¤§ शैली। पवरà¥à¤¤à¤• शैली में पà¥à¤°à¤¥à¤® साधना है नाम साधना से पà¥à¤°à¤¾à¤¯: à¤à¤•à¥à¤¤ परिचित हैं। वाचक शबà¥à¤¦ और वाचà¥à¤¯ अरà¥à¤¥ में जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° नितà¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ रहता है उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° नाम और नामो में नितà¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहता है। इसी शैली को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत महापà¥à¤°à¤¾à¤£ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत गीता आदि में विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से वरà¥à¤£à¤¨ किया गया है। महरà¥à¤·à¤¿ वालà¥à¤®à¤¿à¤•à¥€, महरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दोनों की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ शैली à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨–à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की है।
How to cite this article:
डॉ० सोमेशà¥à¤µà¤° नाथ à¤à¤¾ ‘दधीचि’. वैदिक साहितà¥à¤¯ और लौकिक साहितà¥à¤¯ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की शैली. Int J Appl Res 2018;4(11):281-285.