Vol. 4, Issue 11, Part D (2018)
वैदिक साहित्य और लौकिक साहित्य की भक्ति की शैली
वैदिक साहित्य और लौकिक साहित्य की भक्ति की शैली
Author(s)
डॉ० सोमेश्वर नाथ झा ‘दधीचि’
Abstract
भगवत्प्राप्ति का एकभाव भक्ति साधना है। भक्ति साधना का रहस्य सबके लिए सुपरिचित नहीं है। श्रीमद्भागवत महापुराण में भक्ति हरस्य अद्भूत है। भक्ति को तीन भागों में बॉंट कर शैली को समझा जा सकता है। प्रथम– प्रवर्तक शैली द्वितीय साधक शैली और तृतीय सिद्ध शैली। पवर्तक शैली में प्रथम साधना है नाम साधना से प्राय: भक्त परिचित हैं। वाचक शब्द और वाच्य अर्थ में जिस प्रकार नित्य सम्बन्ध रहता है उसी प्रकार नाम और नामो में नित्य सम्बन्ध विद्यमान रहता है। इसी शैली को श्रीमद्भागवत महापुराण श्रीमद्भागवत गीता आदि में विस्तार से वर्णन किया गया है। महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वेदव्यास दोनों की भक्ति शैली भिन्न–भिन्न प्रकार की है।
How to cite this article:
डॉ० सोमेश्वर नाथ झा ‘दधीचि’. वैदिक साहित्य और लौकिक साहित्य की भक्ति की शैली. Int J Appl Res 2018;4(11):281-285.