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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 4, Issue 3, Part I (2018)

पाणिनीय एवं पाल्यकीर्ति शाकटायन व्याकरण में तिङन्तपद विवेचन

पाणिनीय एवं पाल्यकीर्ति शाकटायन व्याकरण में तिङन्तपद विवेचन

Author(s)
डाॅ॰ रामपाल
Abstract
पाणिनीय व्याकरण एवं शाकटायन व्याकरण के तिङन्तपद विवेचन को निम्न प्रकार से प्रस्तुत किया है-- तिङन्त प्रकरण के विह्ंगावलोकन से पाल्यकीर्ति शाकटायन की मौलिक कल्पना दृष्टिगोचर होती है। पाल्यकीर्ति शाकटायन ने शब्द साधुत्व की दृष्टि से पाणिनि परम्परा का ही अनुसरण किया है। इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि पाणिनि व्याकरण की पूर्णता होने पर भी पाल्यकीर्ति शाकटायन के व्याकरण का उद्देश्य संक्षेपीकरण एवं धार्मिक प्रवृत्ति के प्रति आस्था रही होगी। तिङन्त प्रकरण में ऐसे ही कतिपय मुख्य स्थलों को आधार बनाते हुए शोध सारांश प्रस्तुत है।
Pages: 540-542  |  492 Views  61 Downloads
How to cite this article:
डाॅ॰ रामपाल. पाणिनीय एवं पाल्यकीर्ति शाकटायन व्याकरण में तिङन्तपद विवेचन. Int J Appl Res 2018;4(3):540-542.
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