Vol. 4, Issue 4, Part F (2018)
उद्यान सज्जा - पब्लिक आर्ट (राजस्थान के संदर्भ में)
उद्यान सज्जा - पब्लिक आर्ट (राजस्थान के संदर्भ में)
Author(s)
डाॅ. अनिल गुप्ता
Abstract
जनकला पर विचार करते ही एक प्रश्न विशेष रूप से मस्तिष्क में उभरता है, कि क्या जनकला वह है, जो सार्वज्निक स्थल पर स्थित है और आम आदमी के लिए भी सुलभ है या वह कला है, जो आम आदमी के लिए और आम आदमी द्वारा रची गई है। कलाकृति चाहे एक महान कलाकार के द्वारा रची गई हो या एक आम आदमी के द्वारा महत्वपूर्ण यह है कि वह कला कहाँ प्रदर्शित है अगर आम आदमी के लिए वह कलादीर्घाओं से निकलकर सार्वजनिक स्थानों या खुले स्थानों पर जनता के बीच प्रदर्शित या प्रस्तुत होती है तो वह कला जनकला की श्रेणी में आ जाती है। जनकला के लिए दूसरा बिन्दु यह महत्वपूर्ण है कि रचनाकार की कलाकृति में जनहित उद्देश्य है या नहीं। अगर जनहित उद्देश्य से बनाई गई कलाकृति जनता के सामने प्रदर्शित होती है तो वह सच्ची जनकला है। आम आदमी के सौन्दर्यबोध के लिए, उसके रसास्वादन के लिए रची गई कलाकृति जनकला का सशक्त उदाहरण होती है।
How to cite this article:
डाॅ. अनिल गुप्ता. उद्यान सज्जा - पब्लिक आर्ट (राजस्थान के संदर्भ में). Int J Appl Res 2018;4(4):447-449.