Vol. 4, Issue 7, Part F (2018)
शाकटायन वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ में पाणिनीयेतर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— तथा पाणिनि से पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¥‡à¤¦
शाकटायन वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ में पाणिनीयेतर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— तथा पाणिनि से पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¥‡à¤¦
Author(s)
डाॅ. रामपाल
Abstract
ईसा की नवीं शताबà¥à¤¦à¥€ में रचित पालà¥à¤¯à¤•à¥€à¤°à¥à¤¤à¤¿ शाकटायन शबà¥à¤¦à¤¾à¤¨à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में 3200 सूतà¥à¤° है। पाणिनीय शैली पर रचा गया यह वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ पाणिनिय शैली से किंचितॠà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है परनà¥à¤¤à¥ यह पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ नहीं है। अपने से पूरà¥à¤µà¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ वैयाकरणों का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ à¤à¥€ शाकटायन ने सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में मौलिकता लाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। शाकटायन वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ का पà¥à¤°à¤£à¤¯à¤¨ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ विशेषतः संकà¥à¤·à¥‡à¤ªà¥€à¤•à¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ जैन धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करना है।
How to cite this article:
डाॅ. रामपाल. शाकटायन वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ में पाणिनीयेतर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— तथा पाणिनि से पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¥‡à¤¦. Int J Appl Res 2018;4(7):394-396.