Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 4, Issue 7, Part F (2018)

शाकटायन व्याकरण में पाणिनीयेतर प्रयोग तथा पाणिनि से प्रक्रियाभेद

शाकटायन व्याकरण में पाणिनीयेतर प्रयोग तथा पाणिनि से प्रक्रियाभेद

Author(s)
डाॅ. रामपाल
Abstract
ईसा की नवीं शताब्दी में रचित पाल्यकीर्ति शाकटायन शब्दानुशासन में 3200 सूत्र है। पाणिनीय शैली पर रचा गया यह व्याकरण पाणिनिय शैली से किंचित् भिन्न है परन्तु यह पूर्ण प्रक्रिया ग्रन्थ नहीं है। अपने से पूर्ववर्ती वैयाकरणों का अनुसरण करते हुए भी शाकटायन ने सूत्रों में मौलिकता लाने का प्रयास किया है। शाकटायन व्याकरण का प्रणयन का उद्देश्य विशेषतः संक्षेपीकरण एवं जैन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है।
Pages: 394-396  |  1325 Views  148 Downloads
How to cite this article:
डाॅ. रामपाल. शाकटायन व्याकरण में पाणिनीयेतर प्रयोग तथा पाणिनि से प्रक्रियाभेद. Int J Appl Res 2018;4(7):394-396.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals