Vol. 4, Issue 7, Part F (2018)
राबिन शाॅ पुष्प की यथार्थपरक सामाजिक कहानीः ‘हत्यारे जा रहे हैं’
राबिन शाॅ पुष्प की यथार्थपरक सामाजिक कहानीः ‘हत्यारे जा रहे हैं’
Author(s)
नीतू कुमारी
Abstract
कहानी का संसार अनूठा होता है और उसके पात्र भी निराले होते हैं, जीवन्त होते हैं। उनसे हमें प्रेरणा मिलती है। कत्र्तव्यबोध से अवगत होकर हम अपने भाव-बोध-युक्त संसार का नवल निर्माण करते हैं। मशीनी सभ्यता में जहाँ सद्भावना सिमटती जा रही है, सिसकती नजर आती है, वहीं हम दूर कहीं एकांत चिंतन कर डूबती और समाप्त होती जा रही मनुष्यता को फिर से हरित-भरित कर सकते हैं। ‘हत्यारे जा रहे हैं’ कहानी कई शंृखलाओं को जोड़कर पूरी की गयी है, ठीक उसी तरह जिस तरह हमारा व्यक्तित्व परत-दर-परत अनुभव और शिक्षा के आधार पर बनता है। कथानायक सैनिक परिस्थितिवश अपने पूर्वाजित संस्कार के विरूद्ध अपनी आत्मा की आवाज की उपेक्षा कर एक खण्डित व्यक्तित्व का उदाहरण प्रस्तुत करता है। वर्तमान समाज और समय की अन्यायपूर्ण व्यवस्था उसे ऐसा जीवन जीने को विवश करती है।
How to cite this article:
नीतू कुमारी. राबिन शाॅ पुष्प की यथार्थपरक सामाजिक कहानीः ‘हत्यारे जा रहे हैं’. Int J Appl Res 2018;4(7):409-411.