Vol. 5, Issue 1, Part D (2019)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°
Author(s)
डाॅ॰ नीतॠगौरव
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति के à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के विविध रूप हमें दिखाई पड़ते हैं। सतà¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठचà¥à¤¨à¤¾à¤µ से इसकी परंपरा शà¥à¤°à¥‚ होती है और फिर राजनीति की तमाम गतिविधियों को अपने गिरफà¥à¤¤ में ले लेता है- à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति का अपना à¤à¤• गौरवमयी इतिहास रहा है, जो अब केवल धंधे का रूप ले लिया हैं अब राजनीति में लोग जनसेवा के लिठजाते वरनॠपेशे के लिठजाते हैं, धन कमाने जाते हैं, à¤à¤¯à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ करने जाते हैं। अगर हम अपने देश की राजनीति से à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° का खतà¥à¤®à¤¾ कर दें तो संà¤à¤µà¤¤à¤ƒ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के सारे रूप लगà¤à¤— सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ मिट जाà¤à¤‚गे। इसलिठअगर à¤à¤• आदरà¥à¤¶ राजà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की बात की जाती है, रामराजà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ का सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ देखा जाता है तो इसके लिठसरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में अंतरà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¤¿à¤¤ वैविधà¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को मिटाना होगा और यह काम निशà¥à¤šà¤¯ ही यहाठके बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के, मीडिया के माधà¥à¤¯à¤® से संीाव हो सकेगा, जहाठकà¥à¤› नैतिकता अब à¤à¥€ शेष रह गयी है।
How to cite this article:
डाॅ॰ नीतॠगौरव. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°. Int J Appl Res 2019;5(1):253-254.