Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 5, Issue 1, Part E (2019)

भारत में संघीय शासन प्रणाली के विभिन्न आयाम

भारत में संघीय शासन प्रणाली के विभिन्न आयाम

Author(s)
डाॅ. जितेन्द्र प्रसाद
Abstract
संघवाद का अर्थ है राज्य की शक्ति का विभाजन ऐसी समन्वयी संस्थाओं में जिसकी शक्ति का स्रोत एक ही संविधान होता है, जो उनके कार्यों का नियंत्रण रखता है। ऐसे संघ राज्य में केन्द्रीय तथा राज्यों की सरकारों का सह-अस्तित्व और सहयोग रहता है, क्योंकि दोनों ही नागरिकों के संगठित जीवन को सफल बनाने का प्रयत्न करती है। संघात्मक संविधान वह है, जो राज्य की शक्ति को जो सार्वजनिक हित के लिए आवश्यक है, एक केन्द्रीय सरकार को देता है और उस शक्ति को जो प्रत्येक जिले प्रदेश अथवा देश के भाग के हित में आवश्यक है, उसे स्थानीय सरकार को देता है, जो उस भाग पर शासन करती है। संघात्मक और एकात्मक शासन में यही भेद है, संघात्मक संविधान एक राजनैतिक अनुबंध है, जो राज्य की शासन शक्तियों को दो सरकारों में बांटती है, केन्द्रीय सरकार जो सारे संघ पर शासन करती है और सदस्य राज्य व इकाई सरकार जो केवल स्थानीय क्षेत्र पर शासन करती है, किन्तु एकात्मक संविधान राज्य की सारी शक्ति एक ही सरकार को देता है, जो उस एकात्मक राज्य पर पूर्णतया शासन करती है। संघवाद के सिद्धान्तों के अनुसार स्थापित संघ में राज्य क्षेत्र दो समान अधिकारी संस्थाओं (केन्द्र व राज्य सरकार) में बंट जाता है, जिनमें प्रत्येक एक नवीन संविधान द्वारा नियमित होती है। “संघ राज्य वह है, जिसमें राज्य की शक्ति और अधिकार तो स्थानीय क्षेत्रों की सरकार के पास रहते हैं और अन्य शक्ति और अधिकार एक केन्द्रीय संस्था व सरकार के पास रहते हैं।“
Pages: 388-390  |  708 Views  161 Downloads
How to cite this article:
डाॅ. जितेन्द्र प्रसाद. भारत में संघीय शासन प्रणाली के विभिन्न आयाम. Int J Appl Res 2019;5(1):388-390.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals