Vol. 5, Issue 1, Part E (2019)
मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ का पतनः à¤à¤• विवेचना
मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ का पतनः à¤à¤• विवेचना
Author(s)
संजय साह
Abstract
संजय à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· में मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ जितना समृदà¥à¤§ हà¥à¤† उतना षायद ही कोई सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ फला-फूला होगा। यह सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ जितनी तेजी से उदित हà¥à¤† उतने ही बà¥à¤°à¥€ तरीके से इसका पतन à¤à¥€ हà¥à¤†à¥¤ मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के पतन के अनगिनत कारण रहे लेकिन कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ कारण पà¥à¤°à¤®à¥à¤– थे जिसने इस सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की जड़ें तक हिला कर रख दी।
How to cite this article:
संजय साह. मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ का पतनः à¤à¤• विवेचना. Int J Appl Res 2019;5(1):397-399.