Vol. 5, Issue 1, Part E (2019)
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤¨à¥à¤¦ की कहानियों में बाल-चरितà¥à¤° का चारितà¥à¤°à¤¿à¤• वैशिषà¥à¤Ÿà¥à¤¯
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤¨à¥à¤¦ की कहानियों में बाल-चरितà¥à¤° का चारितà¥à¤°à¤¿à¤• वैशिषà¥à¤Ÿà¥à¤¯
Author(s)
शशि पà¥à¤°à¤à¤¾
Abstract
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द की कहानियों में समाज के सà¤à¥€ वरà¥à¤— पातà¥à¤° बने हैं, पर जितनी सफलता उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बाल चरितà¥à¤° के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में मिली है, उतनी अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° कहीं नहीं। उनकी कहानियों में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ बाल-चरितà¥à¤° कहीं से à¤à¥€ बनावटी या कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• नहीं लगते हैं। वे इतने सचà¥à¤šà¥‡ और अचà¥à¤›à¥‡ हैं कि पाठक सहज ही उनके साथ à¤à¤¾à¤µ-यातà¥à¤°à¤¾ करने लगते हैं। पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द की कहानियों के बाल-चरितà¥à¤° सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के मानवीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से लबालब हैं। उनमें दया, करूणा, कà¥à¤·à¤®à¤¾, सहानà¥à¤à¥‚ति, आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¥à¤®à¤¾à¤¨, वीरतà¥à¤µ, जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾, सेवाà¤à¤¾à¤µ, सका समावेश है। उनमें मानव सà¥à¤²à¤ संघरà¥à¤·à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ à¤à¥€ है, जो कà¤à¥€ à¤à¥€ अपनी परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से टकराने के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तैयार रखता है।
How to cite this article:
शशि पà¥à¤°à¤à¤¾. पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤¨à¥à¤¦ की कहानियों में बाल-चरितà¥à¤° का चारितà¥à¤°à¤¿à¤• वैशिषà¥à¤Ÿà¥à¤¯. Int J Appl Res 2019;5(1):415-418.