Vol. 5, Issue 2, Part B (2019)
कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ मिशà¥à¤° का कावà¥à¤¯à¤ƒ जनपकà¥à¤·à¤§à¤°à¤¤à¤¾ की उरà¥à¤µà¤° à¤à¥‚मि
कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ मिशà¥à¤° का कावà¥à¤¯à¤ƒ जनपकà¥à¤·à¤§à¤°à¤¤à¤¾ की उरà¥à¤µà¤° à¤à¥‚मि
Author(s)
नीतॠकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने जिस समाज के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° चलने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया वह अंतरà¥à¤µà¤¿à¤°à¥‹à¤§ हो से à¤à¤°à¤¾ था। जैसे-जैसे समाज में असंगतियाà¤, विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ आदि का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ बà¥à¤¤à¤¾ गया परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ बदलती गई जिसका महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ कवि मन की संवेदनाओं पर पड़ा। कवि कीरà¥à¤¤à¤¿ नारायण मिशà¥à¤° की कविताà¤à¤ समय, इतिहास, विचार, संवेदन संसार में विलायित होकर कला का नया सौंदरà¥à¤¯ रचती है।
How to cite this article:
नीतॠकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ मिशà¥à¤° का कावà¥à¤¯à¤ƒ जनपकà¥à¤·à¤§à¤°à¤¤à¤¾ की उरà¥à¤µà¤° à¤à¥‚मि. Int J Appl Res 2019;5(2):144-146.