Vol. 5, Issue 2, Part C (2019)
समाचार पत्रों की भाषा पर टेलीविजन की भाषा का प्रभाव
समाचार पत्रों की भाषा पर टेलीविजन की भाषा का प्रभाव
Author(s)
शलभ मणि त्रिपाठी
Abstract
जनसंचार माध्यमों मे संचार भाषा की उपयोगिता और भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है । चाहे वह मुद्रित मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रसारणकरता को इस बात की सतर्कता बरतनी पड़ती है और भरसक चेष्टा करनी पड़ती है की उसका कथ्य सही अंदाज़ में हर एक व्यक्ति तक सम्प्रेषित हो सके । यह सम्प्रेषण मूलतः भाषिक प्रयोग पैर निर्भर होता है । जब अपने लक्ष्यभूत पाठक या दर्शक का सही अनुमान प्राप्त हो अर्थात् उनकी अभिरुचि, उनकी समझदारी और उनकी मनोदशा का सही-सही संज्ञान हो जाता है तभी हर सन्देश का विधिवत् सही संप्रेषण हो पाता है। आज हिंदी के समाचार पत्रों में जिस भाषा का प्रयोग हो रहा है वह भाषा की पकड़, शब्दों के चयन व उनकी प्रस्तुति पर प्रश्न चिन्ह लगाते दिखाई देते हैं। समाचार सामग्री को तुरंत परोसने के उतावलेपन में अखबार की सुर्खियाँ सीधी टेलीविजन चैनल से उठा ली जाती है इसके दैनिक समाचार पत्र की भाषा में विशेषत: वाक्य रचना में त्रुटि देखने को मिलती है। चूंकि समाचार सीधे टीवी से लिया जाता है, आम बोलचाल की भाषा को पत्रकारिता की भाषा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । हिन्दी पत्रकारों की नई पीढ़ी को पत्रकारिता की भाषागत नाव को सही दिशा में खेने के विवेक के प्रश्न पर गंभीरता से विचार करना होगा। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए समाचार पत्रों की भाषा पर टेलीविजन भाषा प्रभाव के बारे में लखनऊ विश्वविद्यालयों के छात्रों की राय जानने का प्रयास किया गया था जो अध्ययन के रूप में यहाँ प्रस्तुत है। अध्ययन का उद्देश्य: समाचार पत्रों की भाषा पर टेलीविजन भाषा प्रभाव के बारे में लखनऊ विश्वविद्यालयों के छात्रों राय जानना । अनुसंधान प्रणाली: वर्तमान अध्ययन के लिए, अपनाई गई शोध विधि प्रकृति में वर्णनात्मक है । शोधकर्ता द्वारा निर्धारित चयन मानदंडों के आधार पर, लखनऊ शहर के पांच विश्वविद्यालयों में से से 500 छात्र चुने गए थे I अध्ययन के प्राप्तांक के अनुसार अधिकतम उत्तरदाता यह मानते हैं कि टेलीविजन समाचार की वजह से समाचार पत्रों में भाषा की प्रकृति में विकृति आई है और व्याकरण नियमों की उपेक्षा की जा रही है। समाचार पत्रों की आक्रामकता की जगह बाजारपरस्ती ने ले ली है” और समाचार पत्रों में पहले जैसी गंभीरता और गरिमा खो गयी है।
How to cite this article:
शलभ मणि त्रिपाठी. समाचार पत्रों की भाषा पर टेलीविजन की भाषा का प्रभाव. Int J Appl Res 2019;5(2):178-182.