समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कहानियों में राजनीतिक चेतना
समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कहानियों में राजनीतिक चेतना
Author(s)
माला कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कहानियाठअपने समय की सामाजिक, राजनीतिक आयामों के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ में सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ समरà¥à¤¥ हैं। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° राजनीतिक में धीरे-धीरे चारितà¥à¤°à¤¿à¤• सà¥à¤–लन हà¥à¤†, उसे हिनà¥à¤¦à¥€ कहानियों ने हाथों हाथ लिया। आजादी के बाद यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ लोकतंतà¥à¤° की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हो गयी, पर लोक राजनीति से कोई लाठन पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सका। उनकी सारी उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ पर पानी फिर गया। देश की आजादी वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ मà¥à¤Ÿà¥à¤ ी à¤à¤° लोगों की आजादी सिदà¥à¤§ हà¥à¤ˆà¥¤ यहाठके गरीबों, दलितों, कामगारों, सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठयह सतà¥à¤¤à¤¾ का हसà¥à¤¤à¤¾à¤‚तरण सिदà¥à¤§ हà¥à¤†à¥¤ à¤à¤¸à¥‡ में असगर वजाहत, संजीव, सृंजय, उदय पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, कैलाश बनवासी, मैतà¥à¤°à¥‡à¤¯à¥€ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾, राजेनà¥à¤¦à¥à¤° यादव, मनà¥à¤¨à¥‚ à¤à¤‚डारी, कà¥à¤·à¤®à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾, कà¥à¤·à¤®à¤¾ कौल, अनामिका, रमणिका गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, मृणाल पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯, कृषà¥à¤£à¤¾ सोबती, मृदà¥à¤²à¤¾ गरà¥à¤— आदि समकालीन कथाकारों ने अपनी कहानियों के माधà¥à¤¯à¤® से तदà¥à¤¯à¥à¤—ीन राजनीतिक विसंगतियों को यथारà¥à¤¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ तरीके से उजागर किया। जो इस विधा की सबसे बड़ी उपलबà¥à¤§à¤¿ है।
How to cite this article:
माला कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. समकालीन हिनà¥à¤¦à¥€ कहानियों में राजनीतिक चेतना. Int J Appl Res 2019;5(6):448-449.