Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

TCR (Google Scholar): 4.11, TCR (Crossref): 13, g-index: 90

Peer Reviewed Journal

Vol. 5, Issue 6, Part D (2019)

समकालीन हिन्दी कहानियों में राजनीतिक चेतना

समकालीन हिन्दी कहानियों में राजनीतिक चेतना

Author(s)
माला कुमारी
Abstract
समकालीन हिन्दी कहानियाँ अपने समय की सामाजिक, राजनीतिक आयामों के उद्घाटन में सर्वथा समर्थ हैं। जिस प्रकार राजनीतिक में धीरे-धीरे चारित्रिक स्खलन हुआ, उसे हिन्दी कहानियों ने हाथों हाथ लिया। आजादी के बाद यद्यपि लोकतंत्र की स्थापना हो गयी, पर लोक राजनीति से कोई लाभ न प्राप्त कर सका। उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। देश की आजादी वस्तुतः मुट्ठी भर लोगों की आजादी सिद्ध हुई। यहाँ के गरीबों, दलितों, कामगारों, स्त्रियों के लिए यह सत्ता का हस्तांतरण सिद्ध हुआ। ऐसे में असगर वजाहत, संजीव, सृंजय, उदय प्रकाश, कैलाश बनवासी, मैत्रेयी पुष्पा, राजेन्द्र यादव, मन्नू भंडारी, क्षमा शर्मा, क्षमा कौल, अनामिका, रमणिका गुप्ता, मृणाल पाण्डेय, कृष्णा सोबती, मृदुला गर्ग आदि समकालीन कथाकारों ने अपनी कहानियों के माध्यम से तद्युगीन राजनीतिक विसंगतियों को यथार्थपूर्ण तरीके से उजागर किया। जो इस विधा की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
Pages: 448-449  |  2006 Views  1176 Downloads


International Journal of Applied Research
How to cite this article:
माला कुमारी. समकालीन हिन्दी कहानियों में राजनीतिक चेतना. Int J Appl Res 2019;5(6):448-449.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals