Vol. 5, Issue 7, Part E (2019)
मध्यकालीन इस्लामिक समाज
मध्यकालीन इस्लामिक समाज
Author(s)
डॉ. मनोज कुमार शुक्ला
Abstract
इस्लाम के उद्भव से पूर्व अरब समाज धूल के कण के समान बिखरा हुआ था। मुहम्मद साहब ने उसे एकता के सूत्र में बांध दिया। जो बरबर्र और असभ्य लोग थे, उन्होंने जीने का तरीका सीख लिया। मुहम्मद साहब ने सारी पुरानी मान्यताओं को समाप्त कर एक नए समाज की स्थापना की। शराब और जुआ का युग समाप्त हो गया। मूर्तिपूजा के स्थान पर एकेश्वरवाद का विश्वास फैला। अज्ञानता के युग की समाप्ति हो गई और सारा अरब एक नई सभ्यता के सृजन मात्र से आह्लादित हो गया।
How to cite this article:
डॉ. मनोज कुमार शुक्ला. मध्यकालीन इस्लामिक समाज. Int J Appl Res 2019;5(7):294-296.