Vol. 5, Issue 7, Part F (2019)
मैथिली साहितà¥à¤¯ में आलोचना साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°
मैथिली साहितà¥à¤¯ में आलोचना साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°
Author(s)
नीतॠकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ मिशà¥à¤° रचनातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ के मूल से परिचित होकर आलोचना के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कदम रखते हैं। इसी कारण रचनाधरà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ के संदरà¥à¤ में उनका विचार सà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚तिपूरà¥à¤£ यथारà¥à¤¥ से संपृकà¥à¤¤ और सरà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ है। उनकी आलोचनातà¥à¤®à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ निरà¥à¤à¤¿à¤• है। वे हिनà¥à¤¦à¥€ तथा मैथिली की साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि से परिचित है। इसी कारण इनकी आलोचनातà¥à¤®à¤• सोच सरà¥à¤µà¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤¯ है। अपनी à¤à¤• मातà¥à¤° आलोचनातà¥à¤®à¤• गà¥à¤°à¤‚थ ‘अरà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°’ को लेकर मैथिली आलोचना साहितà¥à¤¯ में अपनी सारà¥à¤¥à¤• उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œ कराने वाले कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ मिशà¥à¤° à¤à¤• सकल रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं। मूल रूप से कवि रहे कीरà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ मिशà¥à¤° ने ‘अरà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°’ लिखकर अपनी बहà¥à¤®à¥à¤–ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ को उजाकर किया है।
How to cite this article:
नीतॠकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. मैथिली साहितà¥à¤¯ में आलोचना साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°. Int J Appl Res 2019;5(7):501-503.