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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 5, Issue 8, Part D (2019)

बच्चों के व्यवहारिक एवं सामाजिक जीवन में कार्टून धारावाहिकों की भूमिका

बच्चों के व्यवहारिक एवं सामाजिक जीवन में कार्टून धारावाहिकों की भूमिका

Author(s)
सुरेश कुमार दुग्गल, डॉ. रविन्द्र
Abstract
बच्चों को कार्टून देखना बेहद पसंद है। कार्टून देखने का अपना ही एक मजा है। सोफे पर या बैड पर बैठकर टीवी पर पसंदीदा कार्टून चैनल या धारावाहिक देखना बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा होता है। उनमें कार्टून देखने का इतना जुनून होता है कि वे स्कूल से लेकर खाने-पीने के निजी काम भी झट से बिना डांट डपट के निपटा लेते हैं। देखने में आया है कि आजकल के बच्चे टीवी पर कार्टून देखने में ज्यादा समय व्यतीत करने लगे हैं। कार्टून देखने के लिए अब उनके पास टीवी के अलावा भी कई साधन उपलब्ध हैं, जैसे- स्मार्टफोन, टैब, लैपटॉप या डेस्कटॉप। आजकल लोगों की दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई है कि वे बच्चों को टाइम नहीं दे पाते। ऐसे में बच्चे स्कूल से आने के बाद घर में ही रहते हैं। उनकी देखभाल नौकरानी या आया करती है। वहीं बच्चे टीवी पर कार्टून देखकर वक्त बिताते हैं। नौकरी से घर आने के बाद भी मां-बाप अपने निजी कामों में व्यस्त हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, वे बच्चों को घर से बाहर या पार्क में खेलने के लिए नहीं ले जाते। बल्कि बच्चे उन्हें डिस्टर्ब न करें, इसलिए वे उन्हें कार्टून देखने में व्यस्त कर देते हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसका बाहर जाना कम हो जाता है। उसका ज्यादातर समय घर पर ही बीतने लगता है और वो भी कार्टून देखते हुए। कहीं बाहर पार्टी में, रिश्तेदार के यहां या शॉपिंग पर जाते हैं तो बच्चे तंग न करें, इसलिए मां-बाप उन्हें स्मार्टफोन पर कार्टून लगाकर दे देते हैं। ज्यादातर मां-बाप को लगता है कि कार्टून देखने से बच्चों का मनोरंजन होता। वे खुश होते हैं, नई-नई बातें सीखते हैं। कार्टून देखने के लिए वे समय पर पढ़ाई भी कर लेते हैं। सही तरीके से खाना खा लेते हैं। चाय-दूध आदि पी लेते हैं, लेकिन मां-बाप नकारात्मक प्रभावों से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में मां-बाप को कार्टून देखने के हानिकारक प्रभावों से अवगत कराने के लिए, नकारात्मक प्रभाव पड़ने के कारण जानने और इनका समाधान तलाशने के लिए कई शोधकर्ता आगे आए। उन्होंने कार्टून देखने संबंधी बच्चों की प्रवृति और जुनून पर कई तरह के शोध किए, जिनमें कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए। प्रस्तुत शोध भी इस कड़ी का हिस्सा है।.
Pages: 265-275  |  841 Views  63 Downloads
How to cite this article:
सुरेश कुमार दुग्गल, डॉ. रविन्द्र. बच्चों के व्यवहारिक एवं सामाजिक जीवन में कार्टून धारावाहिकों की भूमिका. Int J Appl Res 2019;5(8):265-275.
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