Vol. 5, Issue 8, Part G (2019)
असगर वजाहत के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में आदिवासी जीवन
असगर वजाहत के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में आदिवासी जीवन
Author(s)
पà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
असगर वजाहत की पहचान उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤•à¤¾à¤° के रूप में उनके ‘कैसी आगी लगाई’’ नामक उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ से बनी है। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनेक उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ की रचना की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी रचनाओं में उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तथा अछूती जनजातियों की वà¥à¤¯à¤¥à¤¾ को सà¥à¤µà¤° देने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। ‘उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸-तà¥à¤°à¤¯à¥€’ के दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ खणà¥à¤¡ ‘बरखा रचाई’ में आदिवासियों के जीवन की वà¥à¤¯à¤¥à¤¾ और उनके ऊपर हà¥à¤ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° तथा शोषण का उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यथारà¥à¤¥à¤µà¤¾à¤¦à¥€ चितà¥à¤°à¤£ किया है। सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आदिवासियों की तकलीफ तथा कठिनाईयों से à¤à¤°à¥€ जिंदगी की वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤¤à¤¾ को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में रेखांकित किया है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ‘बरखा-रचाई’ में विकास के लाà¤à¥‹à¤‚ का लोठदेकर आदिवासियों के जीवन को नरक बनाने से लेकर सरकारी गठजोड़ तथा उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ के शिकार जनजातियों की दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• दासà¥à¤¤à¤¾à¤¨ है। अतः आदिवासियों की जिनà¥à¤¦à¤—ी शोषण तथा उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ का दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ है। देश के किसी à¤à¥€ कोने में आदिवासी पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है। आदिवासी की जिंदगी में आज à¤à¥€ कोई बदलाव नहीं आया है। वासà¥à¤¤à¤µ में, औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िकीकरण के नाम पर आदिवासियों को बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ किया जा रहा है। उनकी सोच, उनकी हालत वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾-पूरà¥à¤µ से à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• बिगड़ गई है। अतः सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शिकà¥à¤·à¤¾ की समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सहूलियत दी जानी चाहिà¤, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आदिवासियों का सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास शिकà¥à¤·à¤¾ में है।
How to cite this article:
पà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. असगर वजाहत के उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में आदिवासी जीवन. Int J Appl Res 2019;5(8):468-471.