Vol. 5, Issue 9, Part A (2019)
मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ धरà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨
मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ धरà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨
Author(s)
डॉ. मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾
Abstract
साहितà¥à¤¯, दरà¥à¤¶à¤¨, इतिहास, कला, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ आदि का अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸à¥€ यà¥à¤— में अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विकास हà¥à¤†à¥¤ यदि इसे निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का यà¥à¤— कहा जाठतो कोई बड़ी बात नहीं होगी। अरबों ने फारस, यूनान, à¤à¤¾à¤°à¤¤ आदि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सà¤à¥à¤¯ देशों से बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीखा और आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उनमें परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाकर इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ किया। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, कानून, धरà¥à¤®-शासà¥à¤¤à¥à¤°, दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤µà¤‚ साहितà¥à¤¯ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में अरबों ने अपनी मौलिकता का à¤à¥€ यथेषà¥à¤Ÿ परिचय दिया। अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸à¥€à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤—ति का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ यूरोप पर à¤à¥€ पड़ा और यूरोप के लोगों ने बहà¥à¤¤-सी बातें अरबों से सीखीं। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸à¥€ खलीफा मंसूर, हारून, मामून आदि ने सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ लाने में विशिषà¥à¤Ÿ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆà¥¤ à¤à¤• इतिहासकार के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में ‘‘संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की बेल को खलीफा मंसूर ने सिंचित कर पलà¥à¤²à¤µà¤¿à¤¤ किया। वह बेल हारून के काल में à¤à¤• वृकà¥à¤· के रूप में परिणित हà¥à¤ˆ जिसमें फल लगे और इस फल को खलीफा मामून के काल में लोगों ने चखा। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ समय की पतà¤à¥œ का शिकार होकर यह बेल मà¥à¤°à¤à¤¾ गयी।’’ उपरोकà¥à¤¤ आधार पर यह कहना पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है कि सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विकास की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸à¥€ यà¥à¤— अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ रहा।
How to cite this article:
डॉ. मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾. मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ धरà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨. Int J Appl Res 2019;5(9):48-50.