Vol. 5, Issue 9, Part B (2019)
मिथिला में पारम्परिक शिक्षा की दशा-दिशा
मिथिला में पारम्परिक शिक्षा की दशा-दिशा
Author(s)
पुष्पा कुमारी
Abstract
प्राचीन काल से ही मिथिला पूरे भारतीय प्रायद्वीप में शिक्षा के महत्त्वपूर्ण केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध रहा है। भारत में ब्रिटिश राज की स्थापना से मिथिला में पारम्परिक शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना पैदा हो गई। अतः इस अवधि में न्याय तथा मीमांसा की मध्ययुगीन परम्परा का ह्रास होने लगा फिर भी मिथिला में। पारम्परिक शिक्षा की धारा पूरी तरह कुंद नहीं हुई थी। प्रस्तुत आलेख में 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में राजनैतिक, प्रशासनिक परिवर्तनों की पृष्ठभूमि में मिथिला में पारम्परिक शिक्षा की दशा-दिशा का विश्लेषण करने का प्रयास किया जायेगा।
How to cite this article:
पुष्पा कुमारी. मिथिला में पारम्परिक शिक्षा की दशा-दिशा. Int J Appl Res 2019;5(9):109-111.