Vol. 6, Issue 10, Part F (2020)
वर्तमान दशकक मैथिली कथा: संवेदनाक ह्रास
वर्तमान दशकक मैथिली कथा: संवेदनाक ह्रास
Author(s)
पुतुल कुमारी
Abstract
भूमंडलीकृत आजुक वैश्विक व्यवस्थामे बाजारवादक प्रसारकेँ मनुक्ख मात्रक सुभ्यस्तताक मास्टर-की (उंेजमतदृामल) मानल जा रहल अछि। फलस्वरूप आइ बाजार नगरक चैराहा आ गामक चैबटियासँ घर-अंगना धरि सन्हिया चुकल अछि। निश्चितरूपसँ एकर किछु सकारात्मक आर्थिक प्रभाव समाज पर अवस्स पड़ल अछि मुदा बाजारवादक उपोत्पादक रूपमे जाहि उपभोक्तावादी संस्कृतिक जन्म भेल अछि से मानवीय संवेदना आ नैतिकता पर पैघ सन खतरा बनल प्रतीत होइत अछि। वर्तमान दशकक कथा सभ मानवीय सम्वेदनामे आयल एहि ह्रास दिस यत्र-तत्र ईशारा करैत प्रतीत होइत अछि जकर संक्षिप्त विश्लेषण एहि निबंधक माध्यमे प्रस्तुत करबाक प्रयास कैल गेल अछि।
How to cite this article:
पुतुल कुमारी. वर्तमान दशकक मैथिली कथा: संवेदनाक ह्रास. Int J Appl Res 2020;6(10):331-332.