Vol. 6, Issue 10, Part M (2020)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के कारण à¤à¤µà¤‚ समाधान
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के कारण à¤à¤µà¤‚ समाधान
Author(s)
डाॅ0 सà¥à¤·à¤®à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
समय के साथ साथ मानव पà¥à¤°à¤—ति पथ पर बà¥à¤¤à¤¾ जा रहा है। कहा जाता है परिवरà¥à¤¤à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का नियम है.परनà¥à¤¤à¥ मानव अपनी बौदà¥à¤§à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ के सहारे से अनेक परिवरà¥à¤¤à¤¨ करता आ रहा है। नित नयी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¤¾ उसका लकà¥à¤·à¥à¤¯ रहता है और उसकी यह लालसा उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का कारण बनती है। आज मानव उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के उस शिखर पर पहà¥à¤à¤š चà¥à¤•à¤¾ है, जहाठसे विकास की गति को पंख लग गठहै। विकास की गति कहीं अधिक तीवà¥à¤° हो गयी है,शिकà¥à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° तेजी से हो रहा है,शिकà¥à¤·à¤¾ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के कारण मानव का रहन सहन,खान पान.à¤à¤µà¤‚ सोच में बड़े बदलाव आ रहे हैं । पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं से यà¥à¤•à¥à¤¤ जीवन जीना चाहता है,अधिक से अधिक सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ जà¥à¤Ÿà¤¾ लेने की होड में लग गया है, इसी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ ने उसके सà¥à¤–,चैन,शांति को छीन लिया है। वह तनावगà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होता जा रहा है। उसकी सोच में कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी परिवरà¥à¤¤à¤¨ आये हैं । उसके कारण आज का यà¥à¤µà¤¾ परंपरागत रूढियों,दकियानूसी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को तोड़ डालना चाहता है. वह सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤‚द à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° होकर जीना चाहता है.उसकी यही सोच बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को आहत करती है। आज के बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— अचानक आये परिवरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं कर पा रहे हैं । उसे अपने समय के जीवन मूलà¥à¤¯ और आदरà¥à¤¶ ही अचà¥à¤›à¥‡ लगते हैं । अतः वह इसके लिठनठजमाने और नयी पीà¥à¥€ को दोषी मानता है । परनà¥à¤¤à¥ नयी पीà¥à¥€ उनकी सोच को,उनके सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों को नकार देती है और पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ पीà¥à¥€ से दूरियां बनाने लगती है,परिवार में सामंजसà¥à¤¯ का अà¤à¤¾à¤µ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होने लगता है, जो घर में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों के लिठदà¥à¤–दायी होता है।
How to cite this article:
डाॅ0 सà¥à¤·à¤®à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के कारण à¤à¤µà¤‚ समाधान. Int J Appl Res 2020;6(10):779-783.