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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Peer Reviewed Journal

Vol. 6, Issue 10, Part O (2020)

व्याकरण शास्त्र एंव संगीत शास्त्र में सम्बद्धता

व्याकरण शास्त्र एंव संगीत शास्त्र में सम्बद्धता

Author(s)
डाॅ॰ श्याम सुन्दर चौधरी
Abstract
संगीत एवं व्याकरण के तत्वसूत्र रूद्र के डमरू से उत्पन्न माहेश्वरसूत्र ही है। माहेश्वरसूत्रों का रहस्य जानने से सर्व प्रपंच का रहस्य खुल जाता है। भाषा के स्वरों का वास्तविक गूढ़ अर्थ नंदिकेश्वर की ’काशिका’ में प्राप्त हैं। संगीत के स्वरों का और व्याकरण के स्वरों का संबंध ’रूद्रडमरूद्भवसूत्र विवरण ’ में मिलता है। माहेश्वरसूत्र का प्रथम सूत्र (अ इ उ ण्) हैं। प्रथम स्वर ’अ’ कण्ठ में स्थित हैं, इसका उच्चारण बिना प्रयत्न ही होता हैं। अकार सर्व स्वरों का आधार एंव कारण हैं- अकारो वै सर्वा वाक्। ’अ’ निगुर्ण ब्रह्म का द्योतक हंै। व्याकतरण एवं संगीत के स्वरों के अर्थ का समन्वय होता है।
Pages: 926-928  |  908 Views  218 Downloads


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How to cite this article:
डाॅ॰ श्याम सुन्दर चौधरी. व्याकरण शास्त्र एंव संगीत शास्त्र में सम्बद्धता. Int J Appl Res 2020;6(10):926-928.
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